डर एक सीमा तक ठीक है जहां तक वो हमे सही रस्ते पर टिकाये रखता है। और रिस्क तब तक ठीक है जब तक वो हमे अपने वजूद से जोड़े रखता है।

जरूरी नही की मात्र पैसे से ही खुद का काम शुरू किया जा सकता है। अपने छोटे से करियर मै मैने बहुत से लोगो को देखा है जो आर्थिक तंगी होने के बहुजूद भी खुद की कंपनी शुरू कर कामयाब हो जाते है। क्या कारण है कि हर सुविधा होने के बाहुजूद भी अधिकतर लोग… Continue reading डर एक सीमा तक ठीक है जहां तक वो हमे सही रस्ते पर टिकाये रखता है। और रिस्क तब तक ठीक है जब तक वो हमे अपने वजूद से जोड़े रखता है।

ब्रांड्स का दूसरा नाम विश्वास होता है . ब्रांड बनते नही है बनाये जाते है

मित्र  की  परिभाषा हर पल परिवर्तित होती रहती है। बचपन में उन्हें मित्र माना जाता था जिनके साथ हम खेलते थे। युवास्था में उन्हें मित्र माना जाता था जिनके साथ हम समय वयतीत करते थे। अक्सर यही सोचते थे कि अपने मित्रो को कभी भूलेंगे नही किन्तु समय का बदलाव कहे या मज़बूरी आज के व्यस्त दौर… Continue reading ब्रांड्स का दूसरा नाम विश्वास होता है . ब्रांड बनते नही है बनाये जाते है

क्यों अधिकतर लोग जॉब करना ही पसंद करते है।

आपके पास अनुभव है प्राइमरी सेल का और मेरे पास अनुभव है फार्मा कंपनी को चलाने का। हम दोनों की परिस्थिया एक जैसी है। आप भी किसी और के लिए काम करते है और मै भी। फार्मा सेल्स एक ऐसा क्षेत्र है जहा हर दिन हर व्यक्ति अपनी खुद की कंपनी शुरू करना चाहता है। कुछ प्रयास भी… Continue reading क्यों अधिकतर लोग जॉब करना ही पसंद करते है।

कैसे सफल बने फार्मा फ्रेंचाइजी बिज़नेस में

जैसे-जैसे फार्मास्यूटिकल सेक्टर में  हिंदुस्तान ने अवल मुकाम हासिल किया , वैसे वैसे ही इसमें नयी सम्भावने बढ़ती गयी। पिछले एक दशक से फार्मा सेक्टर में जहाँ डायरेक्ट मार्केटिंग कम्पनीज ने अपने आप को नयी उंचाईयों पर स्थापित किया है वही बड़ी कम्पनियो को कम्पटीशन मिला फार्मा फ्रेंचाइजी कम्पनियो से। इस कांसेप्ट के बाद तो मानो… Continue reading कैसे सफल बने फार्मा फ्रेंचाइजी बिज़नेस में