अपने स्टार्ट अप के दौरान मैने बहुत से लेखो को पढ़ा और समझा है। हर इंटरप्रेन्योर अपने अनुभव अलग ही तरह बताता है। किसी ने जॉब छोड़ने के बाद कंपनी शुरू की तो किसी ने जॉब पर रहते -रहते साइड बिज़नेस के तौर पर काम शुरू किया है। कोई पढ़ाई पूरी करके इंटरप्रेन्योर बनता है तो कोई पढ़ाई बीच में ही छोड़ देता है।
सफल होने का क्या रास्ता होता है। क्या कोई किताब हमे यह बता सकती है कि आप यह कर लो और आप सफल हो जाओगे। अलग अलग किताब आपको अलग अलग चीज़े बताएगी। कोई कहेगा हार्ड वर्क तो कोई कहेगा स्मार्ट वर्क। अपने स्टार्ट अप के इन दिनों मै जो महसूस कर रहा हूँ। वह यह है कि बिज़नेस में सफल होने का कोई रास्ता या तरीका नही होता। जो रास्ता किसी ओर के लिए सही था हो सकता है वो आपके लिए उचित ना हो। हर कोई अपनी सफलता का रास्ता अपने आप चुनता है। अपने सफर में आप महसूस करेंगे की जो आपको सही लगता था , कही जगह वो सही था और जो दूसरे कहते थे, कही जगह वो सही था।
अपने रास्ते में आप कभी कभी बहुत उस्साहित हो जायेंगे तो कभी आप खुद को निराशा में पाएंगे। कभी कभी आपके पास बहुत से क्लाइंट्स जुड़ने के लिए तैयार होंगे , अगले ही पल आपको लगेगा कि आप तो किसी को भी साथ नही जोड़ पाये। बड़ी ही अजीब सी परिस्थितियों में घिरा हुआ सा महसूस होता है। आपको पता होता है कि बड़ी कम्पनियो को आप रेट या क्वालिटी के मामले में कॉम्पिटेटे नही कर सकते। बड़े क्लाइंट्स को फीड करना भी आपके लिए मुश्किल होता है। इस कड़े मुकाबले में आपको अपनी भी एक जगह बनानी है।
मेरे एक जानकर ने खुद का एक ब्रांड मार्किट में लॉंच किया। शुरूआत में उसने अपनी मार्केटिंग रणनीति दुसरो को देख कर बनायीं। आज से 6 साल पहले कम्पनियो ने जो रास्ता चुना था सफल होने के लिए , उसने बिलकुल वैसा ही किया। बजट की उसके पास कोई लिमिट थी नही तो उसे कोई ज्यादा फर्क नही पड़ा। कुछ समय बाद उसे रणनीति में बदलाव करना पड़ा। हर किसी के पास खुला पैसा नही होता विज्ञापन और मार्केटिंग के लिए। आपको अपनी रणनीति पहले से ही तैयार कर लेनी पड़ती है।
दूसरे लोग कैसे सफल हुए यह जानना बहुत जरूरी है। इससे हमे इंस्पिरेशन मिलती है। पर एक कहावत है – जिस तन लागे वो मन जाने। आप यह तो जान सकते है कि वो कैसे सफल हुए किन्तु उन्होंने क्या क्या खोया , क्या क्या सहा है अपने लक्ष्य तक पहुँचने के लिए यह आप नही जान सकते। सबकी अपनी कमिया और अपनी शक्तिया होती है। हर इंसान में गुण भी अलग अलग ही होते है। एक काम को करने का तरीका भी अलग अलग होता है। एक चीज़ को देखने का तरीका भी अलग अलग होता है। फिर सफर एक जैसा कैसे हो सकता है।
दूसरा जो मै महसूस करता हूँ वह है समय अंतर। जब सफल इंटरप्रेन्योर ने अपना सफर शुरू किया था उस समय क्या मार्किट ट्रेंड था और जब आप शुरू कर रहे है तब क्या मार्किट ट्रेंड है। हो सकता है उनके द्वारा अपनाया तरीका उतना ही कारगार हो लेकिन आपको अपना होम वर्क जरूर कर लेना चाहिए। शुरूआत में फाइनेंसियल पाबंदिया भी होती है और असफल हो जाने का डर भी। आप कितनी अच्छी तरह हर चीज़ संतुलित कर सकते हो , आपकी सफलता इसी बात पर निर्भर करती है।
हमसे पहले भी बहुत लोग सफल हुए है और हमारे बाद भी लोग सफल होंगे। कहते है – कोशिश करने वालो की कभी हार नही होती। मेरा सफर तो अभी शुरू हुआ है। हो सकता है आप अपने सफर में सफल हो चुके होंगे या हो सकता है अभी आपने अपना सफर शुरू करना हो। लेकिन जो भी करो दिल से करो। ताकि बाद में यह न कहना पड़े – ये कर लेते तो ऐसा होता , वो कर लेते तो वैसा हो जाता। अगर आप जॉब से बिज़नेस में आ रहे है तो अपने अनुभव हमारे साथ शेयर करे ताकि हम आपके अनुभवों से कुछ सीख सके।