कैसे रहे हेल्थी

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कुछ ऐसे फैक्ट्स जो आपके स्वास्थ्य से संबंधित है। आइये जाने इनके बारे में।

१. कब्ज एक ऐसी बीमारी है जिसकी वजह से आप 90 % बीमारियो के शिकार हो सकते है। इसीलिए कभी भी कब्ज न होने दे
२. मासाहार के सेवन से १६० प्रकार के रोग हो सकते है।
३. दूषित जल 100 से अधिक रोगो का कारण होता है। हमेशा स्वच्छ जल का ही प्रयोग करे।
४. चाय हमारे शरीर में होने वाले 80 से ज्यादा रोगो का कारण है।
५. एल्युमीनियम के बर्तनो का कभी भी उपयोग नही करना चाहिए। इन बर्तनो में बनाया हुआ या परोसा होआ खाना 50 से ज्यादा रोगो का कारण है।
६. शकर युक्त पिय जैसेकि कोल्ड ड्रिंक इत्यादि आपकी शरीरिक प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करते है।
७. ज्यादा मात्रा में अलकोहल ग्रंहण करने से ह्रदय रोग होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
८. हमेशा घड़े का जल ही प्रयोग करना चाहिए। फ्रीज़ का उपयोग नही करना चाहिए।
९. फ़ास्ट फ़ूड जैसीकि मेगी पिज़्ज़ा बर्गर इत्यादि शरीर में पूरी तरह से पच नही पाते जिसकी वजह से आंतो में सड़ जाते है और बीमारिया उत्पन्न करते है।
१०. भोजन के उपरांत नहाने से शरीर का तापमान कम हो जाता है और पाचन शक्ति मंद हो जाती है जिसकी वजह से भोजन अच्छी तरह से पच नही पाता और बीमारिया उत्पन करता है।
११. हेयर कलर्स और रसायन युक्त हेयर प्रोडक्ट्स हमारे बालो के साथ साथ हमारी आँखों में भी पहुँच जाते है। ये रसायन हमारी आँखों को बहुत नुकसान पुहँचाते है। यहाँ तक की हमारी आँखों की रोसनी पर भी इनका असर हो सकता है।
१२. सफ़ेद नमक हमारे शरीर में जहर का काम करता है। उच्च रक्तचाप और ह्रदय रोगो का महत्वपूर्ण कारण है। हमेशा सेंधा नमक या काला नमक ही उपयोग में लाना चाहिए। इससे उच्चरक्तचाप भी नही होता।
१३. गर्म जल से नहाने से हमारे शरीर के रोम अनावश्यक रूप से खुल जाते है और बैक्टीरिया वगरह को शरीर में आसानी से प्रवेश मिल जाता है जिसकी वजह से इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़  जाता है। चर्म रोग भी ज्यादा होते है गर्म पानी से नहाने से।
१४. कभी भी दूध या दूध से बने प्रोडक्ट्स के साथ नमक का सेवन नही करना चाहिए। इससे भी चर्म रोगो की सम्भवना बढ़  जाती है।
१५. हमारे शास्त्रो में खड़े होकर जल ग्रहण करना वर्जित है जिसका एक कारण यह की इससे जोड़ो और घुटनो में दर्द  होने की समश्या हो सकती है।
१६. भोजन पकाने से पहले उसने नमक डालना चाहिए नही तो ये उच्च रक्तचाप होने की सम्भवना को बढ़ा देता है।
१७. कभी भी मूत्र विसर्जन खड़े होकर नही करना चाहिय्र इससे रीढ़ की हडी पर दबाव पड़ता है और उसकी नसों के क्षति ग्रस्त होने की सम्भवना बढ़ जाती है।
१८. जयादा जोर से छींकने या खांसने से कान की नसों पर वपरीत असर पड़ता है।
१९. पुस्तक को नजदीक से झुककर पड़ने से आँखों  ज्यादा जोर पड़ता है।
२०. नीम के पते खाने से रक्त शुद्ध होता है। नीम के बीज और तेल खुनसी और फोड़ो में भी बहुत उपयोगी है। नीम की दातुन दांतो की हर बीमारी से बचाती है और पेट की समस्याओ से भी बचाती है।
२१. नित तुलसी सेवन से मलेरिया नही होता।
२२. एक अनार सो बीमार वाली कहावत तो अपने सुनी ही होगी। किन्तु एक अनार सौ से ज्यादा बीमारियो से बचा सकता है।
२३. उच्च रक्तचाप और ह्रदय रोगी को अपने दैनिक जीवन में अर्जुन की छाल , लौकी का रस , तुलसी,पुदीना,मौसमी , सेंधा नमक , मोटा अनाज,छिलके वाली दाल इत्यादि का सेवन करना चाहिए।
२४. गुड , सोैंफ , इलाची के सेवन से पाचन अच्छा रहता है और कब्ज वगरह  समश्या भी नही रहती।
२५. भोजन हमेशा धीमी आग पर ही पकाना चाहिए। इससे भोजन की पोषकता बनी रहती है।
२६. मलहठी कफ यानि खांसी का एक असरदार इलाज़ है। मलहठी को आप चूस सकते है या चबा सकते है। दिन भर ऐसा करने से कफ में बढ़ी राहत मिलती है।
२७. कोल्ड ड्रिंक बीमारी का घर है। गर्मियों में निम्बो पानी का उपयोग करना चाहिए। नींबू पानी न केवल शरीर का तापमान नियंत्रण में रखता है बल्कि पेट संबंधी बीमारियो से भी बचाता है।
२८. दलिया और चोकर शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते है। आटे के रूप में गेहूँ उतना उपयोगी नही होता जितना कि मोटे अनाज के रूप में। मोटा अनाज शरीर के दूषित सामान को बाहर निकालने में मद्द्त करता है।
२९. भोजन  समय कभी भी जल ग्रहण करना चाहिए। जल ग्रहण करने से पाचन शक्ति कम हो जाती है और भोजन पचने की बजाय सड़ जाता है जो बीमारियो का घर होता है।
३०. भोजन पकाने के 45 मिनट के अंदर ही ग्रहण कर लेना चाहिए। अधिक देर से रखा भोजन की पोषकता नष्ट हो जाती है।
३१. छाछ और दही गरमी के मौसम में शरीर का तापमान नियंत्रण करने में बहुत उपयोगी है। ये न केवल लौ लगने से बचाता है बल्कि मन और मस्तिक को भी ऊर्जा देता है।
३२. प्याज़ लू से बचाता है। एक प्याज़ साथ लेकर चलने से लू नही लगती।
३३. भोजन मिटी के बर्तनो में ही पकाना चाहीये। इससे भोजन की पोषकता 100 % तक बनी रहती है। जबकि एल्युमीनियम इत्यादि बर्तनो के उपयोग से भोजन की 80 % तक पोषकता कम हो जाती है।
३४. 15 दिनों से अधिक रखा आटा कभी भी उपयोग नही करना चाहिए। 15 दिनों से अधिक रखा आटा जहर का काम करता है। मैदा आसानी से नही पचता इसीलिए मैदे से बनी चीज़ो का उपयोग नही करना चाहिए।
३५. देर तक जागने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। मानसिक संतुलन पर भी विपरीत असर पड़ता है। डप्रेशन और अनिद्रा की स्थिति हो जाती है। आँखों के स्वास्थ्य पर भी गलत प्रभाव पड़ता है।

धन्यवाद।

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