एक साधा जीवन खुशियो का खजाना होता है

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एक साधा जीवन खुशियो का खजाना होता है। आपने खान पान को जितना पौष्टिक और साधारण रखेंगे उतना ही आपकी सेहत और स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त होगा। दिखावे और फैशन से भरपूर इस दुनिया में खुद को सरल रखिये। यही खुशियो की चाबी है। जितने भी सफल और कामयाब इंसान आप देखेंगे तो आप उनका बिलकुल साधारण और सरल पाएंगे।

आईये आज जानते है कुछ ऐसे फैक्ट्स जो आपके स्वास्थ्ये के लिए बहुत ही  उपयोगी है। हम दिन भर में बहुत सारी ऐसी चीज़े या खान पान की वस्तुए इस्तमाल में लाते है जिनका हमारे स्वास्थ्ये पर गहरा असर पड़ता है। यह तो विज्ञानं भी प्रमाणित करता है कि मांसाहार करने वाले लोग शाकाहारी लोगो की तुलना में ज्यादा बीमार होते है।

कुछ ऐसे सामान जो हमारे नित्य जिंदगी का हिस्सा है और हमारे दुखो एवं बीमारियो का कारण भी।

१. दूषित जल
२. एयर कंडीशनर
३. फ्रीज़
४. टेलीविज़न
५. चाय / कोल्ड ड्रिंक /फ़ास्ट फ़ूड /अंडे /मासाहार
६. तम्बाकू , गुटका , बीड़ी , सिगरेट आदि
७. सफ़ेद नमक , चीनी , सोडा , मैदा युक्त चीज़े
८. शैम्पू , हेयर कंडीशनर , लिपस्टिक्स , सुगंधित प्रोडक्ट्स
९. चिप्स कुरकरे और दूसरी सामान्य चीज़े
१०. टूथ पेस्ट और इससे संबंधित चीज़े
११. कास्मेटिक प्रोडक्ट्स

और भी चीज़े जो हम दैनिक जीवन में उपयोग में लाते है किन्तु हमारे शरीर पर दुष्प्रभाव डालती है।

90 % से ज्यादा बीमारियो का कारण कब्ज होती है। कब्ज हमारी पाचन शक्ति को कम कर देती है। भोजन को पचाने के बजाय उसे शरीर में सड़ा देती है। यह सड़न हमारे शरीर में पैदा होने वाली 90 % बीमारी का कारण है। जितने भी फ़ास्ट फ़ूड है , कोल्ड ड्रिंक, चाय मैदा , कुरकरे इत्यादि है सभी प्रोडक्ट्स कब्ज का महत्वपूर्ण कारण है।

दूषित जल बैक्टीरियल इन्फेक्शन का महत्वपूर्ण कारण है। दांतो का पीला पन भी दूषित जल की वजह से ही होता है। हैजा , डायरिया , फ़ूड पोइज़निंग इत्यादि दूषित जल से होने वाले दुष्प्रभाव है। आज के आधुनिक दौर में फैक्टरियों से निकलने वाले रसायनों से जल दूषित होता जा रहा है। लोग वाटर प्यूरीफायर का उपयोग करते है जो कि खुद भी सेहत के लिए हानिकारक है।

नमक हमेशा सेंदा (रॉक साल्ट ) ही उपयोग में लाना चाहिए। या फिर आप काले नमक का उपयोग सकते है। सफ़ेद नमक ब्लड प्रेशर यानि उच्चरक्तचाप बढ़ाता है और शरीर पर दुष्प्रभाव भी डालता है। सफ़ेद नमक में सोडियम ज्यादा मात्रा में होता है और पोटैशियम बहुत कम मात्रा में। रिसर्च भी यही बताती है कि  पोटैशियम वाला नमक उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में काफी सहयोग करता है।

शैम्पू , हेयर कंडीशनर इत्यादि में काफी उच्च मात्रा में रसायन होते है। जो पहले प्रयोग में तो आपके बालो को अच्छा कर देगा किन्तु लम्बे इस्तमाल में आपके बालो को रूखा और बेजान करता है। बालो का जड़ना भी इनके कारण ही होता। रसायनो के उपयोग से बालो की जड़ो भी कमजोर होती है। आज कल के दौर में बढ़ रही गंजेपन की समस्या का रसायन युक्त बालो के प्रोडक्ट्स से गहरा नाता है।

तम्बाकू गुटका इत्यादि के नुकसान के बारे में तो सर्व वधित है। कैंसर जैसी भयानक बीमारी तो इनके उपयोग के बाद होना लाज़मी है। मासाहार करने वाले लोगो में उच्च रक्त चाप और ह्रदय संबंधी रोग होने की संभवना ज्यादा होती है। मासाहार में सैचुरेटेड फैट की अधिकता पायी जाती है जिसकी वजह से शरीर में वसा जमने की ज्यादा सम्भवना रहती है।

मेग्गी की तरह ही लिपस्टिक या कास्मेटिक के सामान में सीसा यानि लीड पाया जाता है। जितनी भी ब्रांडेड स्थायी रूप से टिकी रहने वाले कॉस्मेटिक्स है उनमे सीसा, सुरक्षित सीमा से ज्यादा होने की सम्भवना रहती है।

जितना हो सके हमेशा प्राकृतिक चीज़ो का ही उपयोग करे। स्वदेसी और सुरक्षित। झूठे विज्ञापनों के बहकावे में न आकर अपनी सूझ भुज से काम ले।

धन्यवाद।

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