चार कारण क्यों आपको स्टार्ट-अप या छोटी कम्पनियो में जॉब करनी चाहिए

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स्टार्ट अप या छोटी कंपनी में काम करना सही रहता है या बड़ी मल्टी नेशनल कम्पनियो में। इस बारे में सबकी अपनी राय होगी और सबका अपना अनुभव होगा। कुछ लोग बड़ी कम्पनियो को जॉब के लिए उपयुक्त मानते है। कुछ छोटी और स्टार्ट अप कंपनी के लिए काम करना ज्यादा लाभदायक बताते है। दोनों ही जगह काम करना अपने आप में एक अलग अनुभव होता है। दोनों के अपने फायदे और नुकसान होते है। जो व्यक्ति खुद की कंपनी लगाने के बारे में सोचता है उसको अपनी जिंदगी में एक बार ही सही लेकिन छोटी कंपनी में जॉब जरूर करनी चाहिए। आज हम कुछ ऐसे फायदे गिना रहे है जो आपको छोटी कंपनी में काम करके आपको मिलते है:

१. सभी डिपार्टमेंट्स का अनुभव :

जब भी  आप किसी छोटी कंपनी को ज्वाइन करते है तो एक बात तो पकी है कि आपको सभी तरह के काम का अनुभव आपको मिलने वाला है। छोटी कम्पनियो में स्टाफ कम होता है और काम बंटा हुआ। काम वैसे ही होता है जैसे बड़ी कम्पनियो में होता है किन्तु कार्य की मात्रा कम होती है। जहाँ बड़ी कम्पनियो में एक डिपार्टमेंट में कई लोग काम करते है वही छोटी कंपनी में एक व्यक्ति कई डिपार्टमेंट्स का काम अकेला थामता है। उदहारण के तौर पर छोटी कम्पनियो में सेल्स,  मार्केटिंग, डिस्पैच , फॉलो-अप, ट्रांसपोर्टेशन, प्रॉब्लम  सॉल्विंग इत्यादि काम यहाँ तक की कुछ कम्पनियो में परचेस तक भी एक ही व्यक्ति देखता है। काम का दबाव भी ज्यादा नही होता क्योंकि देखने में यह ज्यादा लगता है लेकिन काम की मात्रा कम होने के कारण आप सब कुछ आसानी से कर सकते है। सबसे बड़ा लाभ जो आपको मिलता है वह है कि आपको हर चीज़ का अनुभव मिल जाता है जो कि बड़ी कम्पनियो में आपको नही मिल पाता। वहाँ आप जो काम देख रहे है बस वोही करना होता है जब तक आपका दूसरे डिपार्टमेंट में तबादला न हो जाये या प्रमोशन न मिल जाये। खुद की कंपनी शुरू करने के लिए आपको हर काम में एक्सपर्ट होना न सही किन्तु तोड़ी तोड़ी नॉलेज तो होनी ही चाहिए।

२. जल्दी ग्रोथ :

बड़ी कम्पनियो का एक सिस्टम होता है , इन्क्रीमेंट का , सैलरी बढ़ने का या  प्रमोशन इत्यादि का। उनको सबके बारे में सोच कर आगे बढ़ना पड़ता है। लेकिन छोटी कम्पनियो में ऐसा नही होता। अगर कंपनी बढ़ रही है तो आपको भी उसका फायदा मिलता है। छोटी कम्पनियो में किसी प्रोजेक्ट या अपने कार्य की डिटेल देने की जरूरत नही पड़ती सैलरी बढ़वाने के लिए। सब कुछ नजरो के सामने होता है। कुछ छोटी कम्पनियो को अगर छोड़ दे तो ज्यादातर कंपनिया बहुत अच्छी ग्रोथ देती है। आपके काम का क्रेडिट आपको ही मिलता है कोई और उस क्रेडिट को नही छीन सकता। दूसरी बात आपका मानसिक रूप से भी अच्छा विकास होता है। एक कंपनी कैसे काम करती है उसकी क्या क्या जरूरते होती है। कहाँ से उसकी कमाई होती है कहाँ उसको नुकसान होता है। ऐसी बहुत सी चीज़े होती है जिनको एक बड़ी कंपनी में सिखने में सालो लग जाते है।

३. बौद्धिक और रचनात्मक विकास :

एक छोटी कंपनी में काम करने की आजादी होती है। अगर आपको लगता है कि कोई चीज़ काम नही कर रही है या कोई पॉलिसी काम नही कर रही है तो आपको उसे बदलने या बंद करने की कुछ हद तक आजादी होती है। नए नए एक्सपेरिमेंट करने की भी आजादी होती है जो आपके बौद्धिक और रचनात्मक विकास में भागीदार होती है। बिज़नेस जोखिम और रचनात्मकता को मिला झूला संगम होता है। सबसे बड़ी बात आप जो रिसोर्स मैनेजमेंट छोटी कम्पनियो में सिक सकते हो वो कभी भी बड़े नामो के साथ नही सीख सकते। जब भी आप अपना काम शुरू करेंगे तो यह बौद्धिक विकास ही आपकी सफलता का कारण बनेगा। कम रिसोर्सेज को सही तरह उपयोग करने के लिए बड़ी  रचनात्मकता चाहिए। जो बड़ी कम्पनियो में सीखा जाना लगभग नामुनकिन सा है।

४. तनाव रहित वातावरण :

छोटी कंपनी में काम करने का मतलब है एक ऐसा एनवायरनमेंट जहाँ केवल काम से जुडी बाते ही होती है। ऐसा देखा गया है कि बड़ी कम्पनियो के मुकाबले छोटी कम्पनियो में लोग ज्यादा समय काम से जुडी बातो पर विचार विमर्श करते हुए गुजारते है। कम स्टाफ होने के कारण राजनीती से भी आपको छुटकारा मिलेगा। आप सीखने में ज्यादा समय बिताएंगे। एक बात और छोटी कम्पनियो में स्टाफ के बीच कॉम्पिटिशन नही होता। वहां आपका खुद से मुकाबला होता है। आपको दुसरो के कामो पर ध्यान देने की जरूरत नही पड़ती बस अपने काम में अपना 100% देना होता है। जितना आप कंपनी को दोगे उतना ज्यादा आप सीखोगे।

धन्यवाद।

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